Wednesday, February 23, 2011

Om Jai Jagdish Hare

ओम जय जगदीश हरे

 

ओम जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे .

    भक्त जनों के संकट, क्षण में दूर करे ..

   

जो ध्यावे फल पावे, दुख बिनसे मन का .

सुख सम्पति घर आवे, कष्ट मिटे तन का ..

   

    मात पिता तुम मेरे, शरण गहूं मैं किसकी .

    तुम बिन और न दूजा, आस करूं मैं जिसकी ..

   

तुम पूरण परमात्मा, तुम अंतयार्मी .

पारब्रह्म परमेश्वर, तुम सब के स्वामी ..

   

    तुम करुणा के सागर, तुम पालनकर्ता .

    मैं सेवक तुम स्वामी, कृपा करो भर्ता ..

   

तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति .

किस विधि मिलूं दयामय, तुमको मैं कुमति ..

   

    दीनबंधु दुखहर्ता, तुम रक्षक मेरे .

    करुणा हस्त बढ़ाओ, द्वार पडा तेरे ..

   

विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा .

श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ, संतन की सेवा ..


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